मंत्री गणेश जोशी ने गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज के लिए की घोषणा, मेधावी छात्रों के लिए 51 हजार की छात्रवृत्ति और प्रतिवर्ष 11 लाख रुपए विद्यालय के जीर्णोद्धार के कार्य के लिए दिया सहयोग


देहरादून– सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज गढ़ी कैंट स्थित गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मंत्री जोशी ने विद्यालय परिवार, पूर्व छात्रों और समस्त गोरखा समुदाय को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

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मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज देश को सेना और प्रशासनिक सेवाओं में अनेक अधिकारी तथा राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल और बॉक्सिंग के खिलाड़ी देने वाला एक ऐतिहासिक और गौरवशाली शिक्षण संस्थान है। उन्होंने अपने सम्बोधन में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रसिद्ध कथन का उल्लेख करते हुए कहा—
“अगर कोई आदमी कहता है कि उसे मरने से डर नहीं लगता, तो या तो वह झूठ बोल रहा है या फिर वह गोरखा है। उन्होंने कहा कि यह वाक्य गोरखा समुदाय की साहस और शौर्य की पहचान को परिभाषित करता है।

मंत्री जोशी ने कहा कि यह विद्यालय वर्ष 1925 में ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा गोरखा सैनिकों और अधिकारियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि समय के साथ विद्यालय को क्रमशः जूनियर हाईस्कूल, हाईस्कूल और वर्ष 1963 में इंटरमीडिएट तक उन्नत किया गया और इसका नाम बदलकर गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज कर दिया गया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने विद्यालय के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए दो महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं। उन्होंने कहा कि अपने स्वर्गीय पिता की पावन स्मृति में वे गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रति वर्ष 51 हजार रुपए छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान करने और विद्यालय के आधारभूत ढाँचे को मजबूत बनाने, भवनों के जीर्णोद्धार तथा पुनर्निर्माण कार्यों के लिए हर वर्ष 11 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि यह सहयोग विद्यालय के उज्जवल भविष्य, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाओं के विकास में सहायक सिद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि इस संस्थान ने शिक्षा, अनुशासन, खेल और राष्ट्रसेवा के मूल्यों को सदैव सर्वोपरि रखा है। विद्यालय ने मेजर शहीद दुर्गा मल्ल, पद्म बहादुर मल्ल—जो एशियन खेलों में भारत के पहले स्वर्ण पदक विजेता रहे—तथा अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी श्याम थापा और अमर बहादुर जैसे महान हस्तियों को तैयार किया है।

मंत्री जोशी ने कहा कि 100 वर्ष की इस समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने के लिए विद्यालय को आवश्यक संसाधन और सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने पूर्व छात्रों, अभिभावकों और स्थानीय समुदाय से आवाहन करते हुए कहा कि सभी मिलकर इस विद्यालय के विकास में योगदान दें, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी यहां से शिक्षा, शौर्य और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा प्राप्त करती रहें। उन्होंने क्षेत्रवासियों को आश्वासन दिया कि जनसेवक के नाते जो भी कार्य विद्यालय के लिए होंगे जो भी साधन की अवश्यकता होगी आपका ये जनसेवक जरूर करेगा।

उन्होंने कहा कि गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज केवल एक विद्यालय नहीं, बल्कि देशभक्ति, अनुशासन और उत्कृष्टता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस संस्थान की गौरवशाली यात्रा आने वाले वर्षों में और भी ऊँचाइयों को स्पर्श करेगी।

इस अवसर पर अध्यक्ष धन बहादुर थापा, उपाध्यक्ष हबी जंग गुरुंग, प्रधानाचार्य दीपाली जुगरान, प्रबंधक लाल बहादुर गुरुंग, जितेंद्र सिंह खत्री, श्याम थापा, सुरेश आले, पुरन सिंह गुरुंग, राम सिंह गुरुंग, चंद्र बहादुर, टीडी भूटिया, समर सिंह, ज्योति कोटिया, प्रभा शाह, मनोज क्षेत्री, विष्णु प्रसाद गुप्ता सहित कई लोग उपस्थित रहे।



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