देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के 25 साल के अस्तित्व में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली। तीन बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को राज्य का नेतृत्व सौंप बीजेपी ने उत्तराखंड में एक स्थिर सरकार देने काम किया गया। सीएम धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल को पीछे छोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
सीएम धामी ने 3 साल 358 दिन का कार्यकाल पूरा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पीछे छोड़ दिया है। सीएम धामी का कार्यकाल उत्तराखंड के इतिहास में दूसरा सबसे लंबा कार्यकाल है। जबकि पहले स्थान पर कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यकाल में कइ महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें सख्त नकल विरोधी कानून, भूमि कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे निर्णय शामिल हैं।
सीएम ने देश विदेश के उधोगपतियों को राजी करने में कामयाब हुए और बड़ी संख्यां में उधोगपतियों ने राज्य में निवेश का भरोसा दिया. और आज वो दिखने लगा है.फिल्म से लेकर होटल व्यवसाय में उधमी निवेश कर रहे हैं. नए उधोग लगे रहे हैं.टूरिज्म में निवेश हो रहा है.
दूसरा चैलेंज
राज्य को सामाजिक मजबूती देना
सीएम धामी ने राज्य को सामाजिक मजबूती देने के लिए UCC लेकर आए. राज्य में सबके लिए एक कानून इसे साथ ही उत्तराखंड इस कानून को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया. पिछले चार सालों में सीएम धामी राज्य में लव जिहाद , धर्मपरिवर्तन जैसे समाज को तोड़ने वाले इशू पर सख्त दिखे और नतीजा सबके सामने है।
तीसरा चैलेंज
युवाओं के लिए रोजगार
सीएम की सबसे बड़ी चिंता थी राज्य से पलायन को रोकना और आज इस पर सीएम धामी कुछ हदतक सफल होते नजर रहे हैं. इसके लिए सीएम राज्य में स्वरोजगार की योजना के तहत युवाओं को अपना बिजिनस खड़ा करने में मदद किया.सख्त नकल कानून को लागू कर परीक्षाएं करवाइ.विभागों में खाली पड़े पदों के लिए वैकेंसी निकाल भरना शुरू किया..लघु उधोग के अवसर पैदा किए और फर्क दिखने लगा आज 4 सालों में 25 हजार से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी मिली. होम स्टे से लेकर सरकार द्वारा सब्सिडी के तहत शुरू स्वरोजगार योजना के जरिए प्रदेश के युवा स्वाबलंबी बन रहे हैंउधमी बन रहे हैं.
व्यवसायिक खेती के अवसर पैदा किए गए युवा सरकार द्वारा दी जा रही सब्सीडी के जरिए व्यवसायिक खेती से जुड़ रहे हैं..सेब से लेकर अन्य फलों की बागवानी कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहै हैं
चौथा चैलेंज
राज्य कि महिलाओं को स्वाबलंबी और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना
इस चैलेंज को पूरा करने के लिए सीएम धामी इस सोच से आगे बढ़े. मातृशक्ति उत्तराखंड के समाज की रीढ़ हैं और रीढ़ अगर मजबूत नहीं होगा तो सीधा खड़ा रहना मुश्किल होगा। इसलिए सीएम ने महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देते हुए नई महिला नीति बनाकर राज्य की मां बहनो को आर्थिक रुप से सशक्त बनाने में जुट गए. और आज राज्य कि महिलाएं..सरकारी नौकरियों और सहकारी समितियों में आरक्षण के जरिए रोजगार पा रही हैं
महिला सारथी योजना से स्वरोजगार के अवसर बढे, महिलाएं आटो रिक्शा और टू-व्हीलर चलाकर आर्थिक रुप से मजबूत हो रही है. इसके अलावे लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना, एकल महिला स्वरोजगार योजना, ड्रोन दीदी योजना के जरिए भी महिलाओं के लिए स्वरोजगार मिल रहा है और वो स्वाबलंबी बन रही हैं।
पांचवा चैलेंज
अगले पांच सालों में राज्य को एक ऐसे मुकाम पर पहुंचाना जहां से उत्तराखंड को पीछे मुड़कर ना देखना पड़े
पिछले चार सालों के व्यवस्थित चारधाम यात्रा ने ये साबित कर दिया कि सरकार चौकन्ना है. इस अब सिर्फ श्रधालु नहीं टूरिस्ट भी आ रहे हैं. सरकार कई नई योजनाओं पर अच्छे और बड़े विजन के साथ काम कर रही है जो कि निश्चित तौर पर सीएम धामी की राज्य के प्रति सोच को मजबूत करता है