जन्माष्टमी पर 16 अगस्त को गीता भवन में होगा रुक्मिणी मंगल नाटक का मंचन


देहरादून-श्री सनातन धर्म सभा गीता भवन में जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर मेघदूत नाट्य संस्था के रंगकर्मियों की टोली “रुक्मिणी मंगल” नाटक का मंचन करेगी। नाटक शनिवार 16 अगस्त के सायं आठ बजे से दस बजे तक प्रस्तुत किया जाएगा। नाटक की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। नाटक का निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी एस.पी. ममगाईं कर रहे हैं। श्री ममगाईं मेघदूत नाट्य संस्था के संस्थापक होने के साथ साथ रंगमंच के पुरोधा भी हैं और उनके अनेक शिष्य रंगमंच के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां अर्जित कर चुके हैं।

श्री ममगाईं ने बताया कि श्रीमद्भागवत पुराण, गर्ग संहिता, श्री हरिवंश पुराण, शिव पुराण, महाभारत और श्री रामचरित मानस के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित यह नाटक भगवान श्रीकृष्ण के विवाह, उत्तराखंड के आराध्य देव घंटाकर्ण की तपस्या, श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न के जन्म आदि प्रसंगों पर केंद्रित यह नाटक जन्माष्टमी के संदर्भ में विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि मेघदूत नाट्य संस्था विशिष्ट कथानकों को सम्पूर्ण संदर्भों के साथ प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है और पूरे शोध के बाद ही नाटक दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करने की परम्परा का निर्वहन किया जाता रहा है। उत्तराखंड के संदर्भ में रूक्मणी मंगल नाटक का इसलिए भी महत्व है कि यहां घण्टाकर्ण को क्षेत्रपाल के रूप में पूजा जाता है और यह दायित्व स्वयं भगवान कृष्ण घंटाकर्ण को सौंपते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर यह प्रसंग दर्शकों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। मेघदूत नाट्य संस्था के कलाकार पिछले तीन माह से नाटक के अभ्यास में जुटे हैं। वैसे भी नाटक के निर्देशक एस.पी. ममगाईं परफेक्शन के लिए जाने जाते हैं और ऐतिहासिक तथा पौराणिक महत्व के विषयों को मंच पर शानदार तरीके से प्रस्तुत करने में उन्हें महारत हासिल है। इससे पूर्व भी गीता भवन में मेघदूत नाट्य संस्था द्वारा दशावतार, उषा अनिरुद्ध सहित अब तक अनेक प्रस्तुतियां दी जा चुकी हैं। नाटक में सभी के लिए प्रवेश निशुल्क है।



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