नाबार्ड ने देहरादून में किया ‘सेब महोत्सव 2.0’ का आयोजन


– नाबार्ड के आईटी पार्क कार्यालय में आयोजित हो रहा सेब मोहत्सव
– ⁠महोत्सव में हर्षिल घाटी के ‘ए’ ग्रेड के रॉयल डिलीशियस, रेड डिलीशियस सेब सहित अन्य फल हो रहे प्रदर्शित

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PIB देहरादून-राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून का दो दिवसीय सेब मोहत्सव 2.0 गुरूवार से शुरू हो गया। सेब महोत्सव 2.0 का उद्घाटन मुख्य अतिथि उत्तराखंड के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी एवं पंकज यादव, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड द्वारा किया गया। मोहत्सव का आयोजन नाबार्ड के आईटी पार्क स्थित कार्यलय में किया जा रहा है.

इस अवसर पर नाबार्ड संपोषित कृषक उत्पादक संगठन (एफ़पीओ) एवं जनजातीय विकास परियोजनाओं के विविध उत्पाद प्रदर्शनी एवं विपणन हेतु लाए गए हैं. इस महोत्सव में नाबार्ड संपोषित हर्षिल घाटी के कृषक उत्पादक संगठन द्वारा उत्पादित ‘ए’ ग्रेड के रॉयल डिलीशियस, रेड डिलीशियस एवं गोल्डन डिलीशियस सेब, कपकोट के किसानों द्वारा प्राकृतिक विधि से उत्पादित कीवी फ्रूट, अन्य कृषक उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्तम पहाड़ी उत्पाद (अखरोट, राजमा, जीआई टेग्ड उत्पाद, जूस, अचार, हथकरघा उत्पाद, जड़ी बूटियाँ, आदि) ख़रीद हेतु दोनों दिन उपलब्ध है.

कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ विशेष अतिथि के रूप में अरविंद कुमार, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक, अनुपम, महाप्रबंधक, पंजाब नैशनल बैंक, हरिहर पट्टनायक, अध्यक्ष, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, विनोद कुमार, उप महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, राजीव पंत, एसएलबीसी, संयोजक के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, केनरा बैंक, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक आदि के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. उद्घाटन समारोह अभिभाषण के दौरान श्री गणेश जोशी ने नाबार्ड के इस प्रयास की सराहना की तथा बताया कि इस प्रकार के मेलों मेन आमजन को सीधे किसानों से जुडने का अवसर तो मिलता ही है साथ ही बिक्री के कारण किसानों की आय में सीधे बढ़ोत्तरी होती है. मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड ने इस अवसर पर नाबार्ड द्वारा संपोषित कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में संचालित परियोजनाओं, आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार को दिए जाने वाले वित्तीय सहयोग और नाबार्ड के विभिन्न गतिविधियों से भी अवगत कराया. उन्होने आशा जताई कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों तथा महिलाओं को सीधे ग्राहक से जोड़ने एवं उनके उत्पाद के सही मूल्य मिलने में सहायक होंगे.

नाबार्ड, कृषकों को गांवों से सीधे अपने कार्यालय का मंच प्रदान कर उनके उत्पाद की बिक्री के लिए अवसर प्रदान कर रहा है. इससे जहां एक ओर कृषकों का स्थानीय बाज़ार के साथ संपर्क विस्तार होगा वहीं स्थानीय निवासियों को उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद खरीदने का अवसर भी मिलेगा.
कृषक उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता/ ऋण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सेब महोत्सव 2.0 के आयोजन के दौरान ही नाबार्ड तथा उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के बीच एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षर किया गया है.

कृषकों के उत्पाद को खेतों से सेब महोत्सव 2.0 में विपणन तक लाने के लिए व्यवस्था नाबार्ड द्वारा प्रदान मोबाइल मार्ट के माध्यम से की गई है. महोत्सव के दौरान सभी क्रय-विक्रय का भुगतान भी डिजिटल माध्यम से ही किया जा रहा है.

नाबार्ड उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय, देहारादून द्वारा इस पहल को प्रतिवर्ष दोहराया जाएगा और आने वाले वर्षों में इसका आयोजन भव्य रूप में किया जाएगा तथा कृषकों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास किया जाता रहेगा.



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